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78 वें स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर प्रसिद्ध रेडियोलोजिस्ट सह भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य…

78 वें स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर प्रसिद्ध रेडियोलोजिस्ट सह भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य (प्रबुद्ध प्रकोष्ठ) सह जिला कार्यसमिति सदस्य डॉ. शैलेन्द्र कुमार चौधरी ने शहर के बोड़ो पेट्रोल पम्प के सामने चौधरी कॉम्प्लेक्स स्थित अपने क्लिनिक नव अल्ट्रासाउंड एंड डायग्नोस्टिक सेंटर के परिसर में ध्वजारोहण किया और तिरंगे को सलामी दी.

इस अवसर पर सत्येंद्र कुमार, रवि पांडेय, धीरज यादव, इबरार, मदन, मुस्कान, मधु, शिफा, इंशु, पम्मी, सुशांति समेत सभी कर्मी मौजूद थे. इसके बाद शहर के अंबेडकर चौक पर अंबेडकर भवन सह पुस्तकालय संचालन समिति की ओर से आयोजित ध्वजारोहण कार्यक्रम में भी डॉ. शैलेंद्र कुमार चौधरी बतौर मुख्य अतिथि शरीक हुए. इस दौरान अम्बेडकर चौक पर भी उनके द्वारा ध्वजारोहण किया गया. इस अवसर पर यहां समिति के अध्यक्ष श्री जनार्दन पासवान, टेको रविदास, योगेश्वर महथा, भरत मांझी, विनोद पासवान, नारायण दास, बी अगस्त क्रांति, सुनील पासवान, योगेश्वर दास,राज कुमार पासवान, विनोद चौधरी आदि उपस्थित थे.

इसके बाद डॉ. चौधरी पचम्बा के हरिचक स्थित भाजपा जिला कार्यालय पहुंचे और ध्वजारोहण कार्यक्रम में शामिल हुए. यहां कार्यक्रम के बाद केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी के पति पूर्व मंत्री स्व. रमेश प्रसाद यादव की पुण्यतिथि पर आयोजित श्रध्दांजलि सभा में कोडरमा के चाराडीह स्थित उनके समाधि स्थल पर गए और उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. मौके पर डॉ. शैलेन्द्र कुमार चौधरी ने कहा कि आज हम स्वतंत्रता की 78वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. यह उस आजादी का जश्न है, जिसे हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने वर्षों के संघर्ष के बाद प्राप्त किया था. इसी दिन ब्रिटिश हुकूमत की बेड़ियों में जकड़ी भारत मां को मुक्ति मिली थी.

हम हमारे महान क्रांतिकारियों के बलिदान को याद कर उन्हें नमन करते हैं. स्वतंत्रता संग्राम में दिया गया ‘इंकलाब जिंदाबाद’ वह नारा है, जिसने प्रत्येक भारतीय की रग में आजादी के लिए जोश भर दिया था. हमारे क्रांतिकारियों के विचार हमें देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से निभाने के लिए प्रेरित करते हैं. उन्होंने कहा कि हमें भाषा, क्षेत्र, धर्म और जाति के भेदभाव को मिटाकर अपने देश की प्रगति और समृद्धि के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए और हमारे सांस्‍कृति और सामाजिक मूल्‍यों को संजोकर रखना चाहिए. हम “सत्यमेव जयते” के संदेश पर चलकर अपने विचारों और कर्मों में सच्चाई और न्याय की अनिवार्यता समझें और राष्ट्र और समाज के विकास में योगदान दें.

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