

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मुंबई में सांताक्रूज इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट प्रोसेसिंग जोन (एसईईपीजेड) में रिश्वत घोटाले में कथित संलिप्तता को लेकर दो भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारियों सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है। मंगलवार को शुरू हुए ऑपरेशन में संयुक्त विकास आयुक्त सीपीएस चौहान, उप विकास आयुक्त प्रसाद वरवंतकर और दो सहायक विकास आयुक्तों सहित पांच अन्य को गिरफ्तार किया गया।
अधिकारियों के अनुसार, आरोपियों ने कथित तौर पर वित्तीय लाभ के बदले बिचौलियों के एक समूह को अनुचित लाभ पहुंचाया। जानकारी के अनुसार, मुंबई में विभिन्न स्थानों पर आरोपियों के आधिकारिक और आवासीय परिसरों की तलाशी ली गई, जिसके परिणामस्वरूप 27 अचल संपत्ति के दस्तावेज आदि बरामद हुए और आरोपी जेडीसी के आवास पर 3 लक्जरी वाहन पाए गए। तलाशी के दौरान, सीबीआई ने चौहान से 25 संपत्तियों के दस्तावेज भी जब्त किए, जिनकी कीमत 40 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
कुल मिलाकर, सात संदिग्धों के परिसरों की तलाशी के दौरान लगभग 50 लाख रुपये जब्त किए गए हैं, जिसमें गिरफ्तार सहायक विकास आयुक्त रेखा नायर के परिसर से 40 लाख रुपये जब्त किए गए हैं। यह आरोप लगाया गया था कि SEEPZ-SEZ मुंबई में तैनात अधिकारी स्थान आवंटन, आयातित वस्तुओं के निपटान, शुल्क का भुगतान किए बिना बाजार में शुल्क मुक्त आयातित वस्तुओं की बिक्री, पक्षपात के मामलों में SEEPZ से काम करने वाले दलों से बिचौलियों के माध्यम से अनुचित लाभ एकत्र कर रहे थे। मौद्रिक प्रतिफल के बदले में सिविल ठेकेदार।
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