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दिल्ली आबकारी नीति मामले में के कविता को जमानत मिली, सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों से पूछा, ‘उनकी संलिप्तता के क्या सबूत हैं?’ – इंडिया टीवी

के कविता
छवि स्रोत : पीटीआई के कविता

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बीआरएस नेता के कविता को ज़मानत दे दी और ईडी और सीबीआई से पूछा कि उनके पास यह साबित करने के लिए क्या “सामग्री” है कि वह कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में शामिल थीं। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ कथित घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और धन शोधन के मामलों में कविता की ज़मानत की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिनकी जांच क्रमशः केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहे हैं।

कविता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने जमानत की मांग करते हुए कहा कि उनके खिलाफ दोनों एजेंसियों द्वारा जांच पहले ही पूरी कर ली गई है। उन्होंने दोनों मामलों में सह-आरोपी आप नेता मनीष सिसोदिया को जमानत देने के शीर्ष अदालत के फैसले का भी हवाला दिया।

जांच एजेंसियों की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने दावा किया कि कविता ने अपना मोबाइल फोन नष्ट कर दिया था या उसे फॉर्मेट कर दिया था और उनका आचरण सबूतों से छेड़छाड़ करने के समान था। रोहतगी ने आरोप को “फर्जी” करार दिया।

पीठ ने राजू से पूछा, “यह दिखाने के लिए क्या सामग्री है कि वह अपराध में शामिल थी।” मामले की सुनवाई चल रही है। शीर्ष अदालत ने 12 अगस्त को सीबीआई और ईडी से कविता की याचिकाओं पर जवाब मांगा था, जिसमें 1 जुलाई को दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें दोनों मामलों में उसे जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।

उच्च न्यायालय ने दोनों मामलों में कविता की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि वह प्रथम दृष्टया अब रद्द कर दी गई दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और कार्यान्वयन से संबंधित आपराधिक साजिश में मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक थी।




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