रेलवे कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को एम्स में मुफ्त इलाज के लिए यूएमआईडी कार्ड जारी करेगा


भारतीय रेलवे अपने सभी कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके आश्रितों के लिए एक बेहतरीन स्वास्थ्य देखभाल पहल लेकर आई है, जो अब 100 रुपये की न्यूनतम लागत पर सीधे एम्स और पीजीआई जैसे अस्पतालों में इलाज करा सकते हैं।
रेलवे अब अपने सभी कर्मचारियों, उनके आश्रितों और पेंशनभोगियों को विशिष्ट चिकित्सा पहचान पत्र (यूएमआईडी) जारी करेगा, जिसके जरिए वे रेलवे के पैनल वाले अस्पतालों या डायग्नोस्टिक सेंटरों और देश के सभी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों (एम्स) में मुफ्त इलाज करा सकेंगे। यह कार्ड 100 रुपये में बनेगा। इस नई व्यवस्था से रेलवे के करीब 12.5 लाख कर्मचारियों, 15 लाख से ज्यादा पेंशनभोगियों और करीब 10 लाख आश्रितों को फायदा होगा।
रेलवे ने बताया कि इस कार्ड के जरिए कर्मचारी, पेंशनर या आश्रित रेलवे के पैनल में शामिल किसी भी अस्पताल या डायग्नोस्टिक सेंटर में इलाज करा सकेंगे। इस कार्ड का इस्तेमाल इमरजेंसी या सामान्य इलाज के लिए किया जा सकेगा। अगर किसी के पास यूएमआईडी कार्ड नहीं है तो उसका यूएमआईडी नंबर भी इलाज के लिए मान्य होगा। विशेष परिस्थितियों में कुछ अस्पतालों के लिए रेफरल जारी किए जाएंगे, जो 30 दिनों की अवधि के लिए वैध होंगे।
नई नीति के तहत अब बिना रेफरल के भी इलाज संभव हो सकेगा। इससे उन्हें बिना किसी बाधा के चिकित्सा सुविधा मिलेगी और डॉक्टरों के रेफरल से जुड़ी शिकायतों का भी समाधान होगा। PGIMER चंडीगढ़, JIPMER पुडुचेरी, NIMHANS बैंगलोर और देश के 25 एम्स जैसे राष्ट्रीय संस्थानों में इलाज के लिए रेफरल की जरूरत नहीं होगी। इन संस्थानों में न सिर्फ इलाज बल्कि जरूरी दवाइयां भी मुहैया कराई जाएंगी।
रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक (परिवर्तन) प्रणव कुमार मलिक ने विशिष्ट चिकित्सा पहचान (यूएमआईडी) कार्ड जारी करने का आदेश दिया है। यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। यूएमआईडी कार्ड को स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) के माध्यम से डिजिलॉकर में रखा जाएगा। यह कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के प्रोफाइल पर भी उपलब्ध होगा।
(एजेंसियों से इनपुट)