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तनुश्री दत्ता ने हेमा कमेटी की रिपोर्ट को ‘बेकार’ बताया, नाना पाटेकर पर फिर साधा निशाना – इंडिया टीवी

तनुश्री दत्ता ने हेमा समिति की रिपोर्ट को 'बेकार' बताया
छवि स्रोत : इंस्टाग्राम तनुश्री दत्ता और नाना पाटेकर

मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के यौन उत्पीड़न पर हेमा कमेटी की रिपोर्ट फिल्म प्रशंसकों के लिए एक झटका बनकर सामने आई है। इसके साथ ही बॉलीवुड के साथ-साथ टॉलीवुड में भी इस पर चर्चा शुरू हो गई है। इन सबके बीच बॉलीवुड अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने हाल ही में जारी हेमा कमेटी की रिपोर्ट को बेकार बताया और कहा कि यौन उत्पीड़न पीड़ितों को फिल्म इंडस्ट्री में काम के अवसर न देकर उन पर कोई रहम नहीं किया जाता। तनुश्री ने अभिनेता नाना पाटेकर और दिलीप की भी आलोचना की, जिन पर पहले उन्होंने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।

तनुश्री ने हेमा कमेटी की रिपोर्ट पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की

हेमा कमेटी की रिपोर्ट पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए तनुश्री ने न्यूज 18 से कहा, “ये समितियां और रिपोर्ट, मैं इन्हें समझ नहीं पाती हूं। मुझे लगता है कि ये बेकार हैं। 2017 में जो हुआ, उस पर रिपोर्ट बनाने में उन्हें सात साल लग गए। वैसे भी इस नई रिपोर्ट का क्या मतलब है? उन्हें बस आरोपियों को गिरफ्तार करना चाहिए था और एक मजबूत कानून व्यवस्था लागू करनी चाहिए थी।”

तनुश्री ने आगे एक्टर पर निशाना साधते हुए कहा, “नाना और दिलीप जैसे लोग नार्सिसिस्ट साइकोपैथ हैं। उनका कोई इलाज नहीं है। मुझे इन कमेटियों की परवाह नहीं है। मुझे इस सिस्टम पर कोई भरोसा नहीं है।” एक्ट्रेस ने यह भी कहा कि उनका मानना ​​है कि आरोपियों को सजा दिलाने के लिए कोई उचित कार्रवाई नहीं की जा रही है।

तनुश्री ने मलयालम इंडस्ट्री में महिलाओं की असुरक्षा पर जोर दिया

इसके अलावा अभिनेत्री ने हेमा समिति की रिपोर्ट में मलयालम उद्योग में महिलाओं की गैर-सुरक्षा पर जोर दिया। तनुश्री ने कहा, ‘ये सारी कागजी कार्रवाई कौन करता है? जो लोग कानून तोड़ना चाहते हैं, वे इसे तोड़ेंगे ही। ये सभी शिकारी मानसिक रूप से बीमार हैं। उनका दिमाग ठीक नहीं है।’

हेमा समिति की रिपोर्ट क्या है?

हेमा रिपोर्ट को आधिकारिक तौर पर जस्टिस हेमा कमेटी रिपोर्ट के नाम से जाना जाता है। जस्टिस हेमा कमेटी का गठन 2017 में एक मशहूर अभिनेत्री से जुड़े हाई-प्रोफाइल यौन उत्पीड़न मामले के मद्देनजर किया गया था। रिपोर्ट में महिलाओं के यौन उत्पीड़न, शोषण और दुर्व्यवहार के महत्वपूर्ण विवरण उजागर किए गए हैं। आपको बता दें कि केरल सरकार ने अभी तक इस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया था, लेकिन आरटीआई कानून के तहत सरकार को सोमवार (19 अगस्त, 2024) को यह रिपोर्ट जारी करनी थी।

यह भी पढ़ें: एचईएमए समिति की रिपोर्ट से मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न का काला सच उजागर | डीट्स इनसाइड




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